हेल्लो दोस्तों और हमारी प्यारी बहनों! आज के इस आर्टिकल में हमलोग जानेंगे की रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है? रक्षाबंधन के बारे में पुरी जानकारी पाने के लिए बस इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें.

जैसा की हमलोग जानते हैं की रक्षाबंधन साल में एक बार मनाया जाता है जो की हिन्दू धर्म के बड़े पूजा में से एक पूजा है. रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतिक है इस दिन बहन अपने भाई को प्यार से रखी बांधती है और बहन अपने भाई के शुभकामनायें के लिए भगवान से प्राथना करती है.
Table of Contents
भाई अपने बहन को इस शुभ अवसर पर उपहार देता है. यही तो भाई बहन का प्यार है.चलिए अब बिना देरी करते हुए रक्षाबंधन से समन्धित सभी सवालों के जवाब जानते हैं.
रक्षाबंधन कब मनाया जाता है?

प्रसिद्ध त्यौहार रक्षाबंधन हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास के पूर्णिमा को मनाया जाता है. यह तारीख में प्रत्येक साल अलग -अलग तारिक को होते हैं परन्तु यह त्यौहार श्रावण मास के पूर्णिमा में ही होता है.
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास अगस्त के महीने में होता है और इसी अगस्त के महीने में पूर्णिमा के दिन ही रक्षाबंधन बंधन का त्यौहार मनाया जाता है.
रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है और समन्धित कुछ कहानी?
इस रक्षाबंधन त्यौहार से समन्धित कुछ कहानी भी हैं. लोगों का मानना है इसी घटित कहानी के कारण हिन्दू धर्म में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है. रक्षाबंधन से समन्धित यहाँ कुछ कहानी निचे हैं.
रक्षाबंधन से समन्धित कुछ पौराणिक कथा भी प्रशिद्ध है. जब सत युग में देव और दानवो के बीच में युद्ध हुआ था तो देवता हारता ही चला गया था. देवता को जब लगा की वो दानवो से यह युद्ध हार जायेंगे तो देवता राजा इंद्र के पास गए. देवतायों को भयभीत देखकर इन्द्राणी ने उन देवताओं के हाथ में रक्षासूत्र बांध दिया था. जिससे की देवताओं का आत्मविश्वास बढ़ा और उन्हेंने दानवो पर विजय प्राप्त की तभी से रखी बाँधने की प्रथा शुरू हुई.
भगवान विष्णु ने इसी दिन वामन अवतार धारण कर बलि राजा के अभिमान का चकनाचूर किया था. इसीलिए यह रक्षाबंधन का त्यौहार बलेव नाम से भी जाना जाता है. इसी तरह से महाराष्ट्र राज्य में नारियल पूर्णिमा या श्रावणी के नाम से यह त्यौहार विख्यात है. इसी दिन लोग नदी या समुन्द्र के तट पर जाकर अपने जनेऊ बदलते हैं और साथ ही साथ समुन्द्र की पूजा भी करते हैं.
इसी दिन ही चित्तोड़ की राजमाता कर्मवती ने मुग़ल बादशाह हिमाऊ को रखी भेजकर अपना भाई बनाया था. जब चित्तोड़ में युद्ध छिरा तो राजमाता कर्मवती की रक्षा में मुग़ल बादशाह हिमाऊ चित्तोड़ आ पहुँचा था. यही होता है एक भाई बहन का प्यार. जब बहन कोई संकट में हो तो भाई अपने बहन के रक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए.
लेकिन आज के इस समय में रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाई को रखी बांधती है और उसके बदले में भाई अपने अपने बहन को उपहार दे कर अपना कर्तव्य पूरा कर लेता है. परन्तु भूल जाते हैं की रक्षाबंधन एक रक्षा का त्यौहार है इस जब बहन हमरे कलाई में रखी बांध कर भगवान से दुआ करती है की हमारे भाई पर कभी कोई आपत्ति नहीं आये. तो हम भाई का भी यह कर्तव्य होता हा है की हम अपने बहने की रक्षा करें.
Conclusion (निष्कर्ष)
आज के इस पोस्ट में जाना की रक्षाबंधन कब और क्यों मनाया जाता है? और हमनें जाना की रक्षाबंधन से समन्धित कुछ कहानियों के बारे में. रक्षाबंधन एक भाई -बहन के प्रेम का त्यौहार है इस त्यौहार को हमें जरूर मनाना चाहिए और इस त्यौहार के कर्तव्य को हमें याद रखना चाहिए.
हम अपने Visitor के लिए पुरी मेहनत कर पुरी जानकारी देने का कार्य करते हैं जिससे की आपलोगों का यह अनमोल समय बर्बाद ना हो, यदि आपलोगों को लगता ही की इस आर्टिकल में कुछ कमी है या कुछ गलत है तो हमें कमैंट्स बॉक्स में जरूर बताये हम इसमें सुधार करने की कोशिश जरूर करेंगे.
यदि आपलोगों को आर्टिकल ‘यह रक्षाबंधन कब और क्यों मनाया जाता है ?’ पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ताकि दोस्त लोग भी यह जान सके अच्छे दोस्त होने की पहचान दें.